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लिनक्स में प्रयोग होने वाली बेसिक टेक्नोलजीज़
आजकल रेड हैट द्वारा मॅनेज्ड फ़ेडोरा का नया वर्ज़न १२ आ चुका है| हमें इस नये वर्ज़न के नये फीचर्स को जानना आवश्यक है| लेकिन इससे पहले हमें इसमें प्रयोग होने वाली कुछ बेसिक टेक्नोलजीज़ के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए| ये टेक्नोलजीज़ निम्न हैं:
Nash:
यह मिनिमम साइज़ की शेल है जो initrd में फिट होती है और initrd इमेज में मौजूद init स्क्रिप्ट्स को एक्सेक्यूट करती है| टेक्निकली यह एक बिल्कुल नई स्टोरी है| Nash एक स्क्रिप्ट इंटर्प्रेटर है जिसे initrd इमेज़ेज़ में मौजूद लिनक्स की rc स्क्रिप्ट्स को इंटरप्रेट (समझने) के लिए डिज़ाइन किया गया था| इसमें कई बिल्ट इन कमांड्स होते हैं जैसे- mkrootdev, mkdevices, तथा switchroot, इसका सिंटॅक्स Bash के समतुल्य (compatible) है|जब तक Nash के विशेष बिल्ट इन कमांड्स का प्रयोग न किया जाए तब तक ये सभी इंटरचेंजबल भी हैं|
initrd:
जब भी कर्नेल आपके प्रोसेसर को ३२ बिट प्रोटेक्टेड मोड के लिए स्विच करता है, यह BIOS से सभी I/O सपोर्ट छोड़ देता है और तब इसे हार्ड डिस्क देखने के कुछ I/O कंट्रोलर ड्राइवर्स लोड करना पड़ता है| इसलिए ३२ बिट मोड में सिस्टम के जाने से पहले RAM में एक वर्चुअल डिस्क क्रियेट की जाती है जो कुछ फाइलों को होल्ड करती है| इनमे से ज़्यादातर फाइलें डिस्क ड्राइव सपोर्ट को लोड करने में प्रयोग होती हैं| और अब कर्नेल रूट फाइल सिस्टम की तरफ स्विच होता है|
Modesetting:
इसका सामान्य अर्थ होता है मॉनिटर का स्क्रीन रेज़ल्यूशन तथा कलर डेप्थ ( अर्थात मोड ) सेट करना| मोड सेट करने के दो तरीके हैं- पहला कर्नेल द्वारा तथा दूसरा यूज़र स्पेस में प्रोग्राम द्वारा| इन्हें क्रमशः KMS तथा UMS कहा जाता है|
RHGB (रेड हैट ग्राफ़िक बूट):
फ़ेडोरा के वर्ज़न ८ तक ग्राफ़िकल बूट का एक्सपीरियेन्स इसी नें दिया| इसके लिए X11 के अलग अलग इन्स्टेन्सज़ के ऊपर अलग अलग GUI प्रोग्राम्स के स्टैक का प्रयोग किया गया था| अब इसे plymouth से रीप्लेस कर दिया गया है|
mkinitrd:
यह टूल एक शेल स्क्रिप्ट है जो initrd इमेज क्रियेट करती है| इस टूल को कैसे प्रयोग किया जाए इसकी गाइड लाइन्स या मॅनेज्ड फ्रेमवर्क न होने के कारण लगभग प्रत्येक डिस्ट्रिब्यूशन इस स्क्रिप्ट का अलग ही इंप्लिमेंटेशन प्रयोग करता है|यह स्क्रिप्ट सामान्यतः एक अखंड (monolithic) initrd इमेज क्रियेट करती है| Dracut इसे रीप्लेस कर देती है और डिस्ट्रिब्यूशन से इनडिपेंडेंट मॉडयूलर आर्किटेक्चर इंट्रोड्यूस करती है|
इस प्रकार हमने कुछ बेसिक टेक्नॉलॉजीज़ की जानकारी प्राप्त की| अब हम FEDORA में प्रयोग होने वाली इन्ही टेक्नॉलॉजीज़ को अलग से समझने की विस्तृत कोशिश करेंगे जिनकी सहायता से इसे फास्ट बूट बनाया जा सका है|
Great post.
जवाब देंहटाएंalso, check Linux training in Pune