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आज की लेटेस्ट बहुचर्चित आई टी सेक्टर की टेक्नालजी वर्चुअलाइज़ेशन है| शायद आपने इसे सुना हो लेकिन यह तकनीक क्या है और कैसे आपको लाभ पहुँचा सकती है, आप अवश्य जानना चाहेंगे| आप शायद आश्चर्य कर रहे होंगे की क्या वाकई इसे जानना आपके लिए ज़रूरी है क्योंकि आई टी में आज की हॉट टेक्नालजी कल पुरानी भी पड़ जाती है ऐसा इसलिए कि तब तक कोई नई हॉट तकनीक आ चुकी होती है| फिर भी आज की तकनीक को जाने बिना नई तकनीक की अच्छाइयों और बुराइयों में अंतर नहीं कर पाएँगे|
पर्सनल कंप्यूटर की खोज के बाद से अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और सबसे हिट टेक्नालजी वर्चुअलाइज़ेशन हीहै| वर्चुअलाइज़ेशन स्वयं में ही क्रांति है क्योंकि यह सर्वर और डेस्कटॉप कंप्यूटर्स को वर्चुअलाइज़ करती है अर्थात इस प्रकार हम उस हार्डवेयर को ही रिमूव कर सकेंगे जिस पर कोई ऑपरेटिंग सिस्टम रन करता है|
माना कि हमारे ऑर्गनाइज़ेशन में एक सर्वर रूम है जिसमें करीब पाँच सर्वर आ सकते हैं जिन पर शायद आप ईमेल सर्वर, फाइल एवं प्रिंट सर्वर, डोमेन कंट्रोलर, ऐंटी वायरस सर्वर, तथा प्रॉक्सी सर्वर चला रहे होंगे| इन सभी सर्वर्स का अपना स्वयं का हार्डवेयर होगा और ये सभी पावर की अच्छी ख़ासी खपत कर रहे होंगे| इनसे काफ़ी गर्मी भी पैदा हो रही होगी जिसे कम करने के लिए आप चौबीसों घंटे एक डेडिकेटेड एयर कंडीशनर भी प्रयोग कर रहे होंगे| पाँच सर्वर्स की बिज़ली की खपत करीब २००० रुपये प्रति माह तथा ए सी पर ३००० रुपये प्रति माह अर्थात एकवर्ष में करीब ६०००० रुपयों का खर्च होगा|
अब सोचें कि आप एक ही फिज़िकल सर्वर पर सभी पाँच सर्वर्स को उनके अपने अपने वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर चला रहे हैं| ऐसे में आपको पाँच की जगह केवल एक ही सर्वर हार्डवेयर खरीदना होगा और चाहें तो एक छोटा एसी भी ले लें| इससे शुरुआती वन टाइम खर्च केवल एक चौथाई रह जाएगा साथ ही बिज़ली का रनिंग खर्च भी एकचौथाई ही रह जाएगा या इससे भी कम|
वर्चुअल सर्वर्स का बैकअप लेना, अलग अलग फ़िज़िकल सर्वर्स के बैकअप लेने की अपेक्षा, आसान ही होता है क्योंकि सभी आपेरेटिंग सिस्टम्स एक ही सर्वर पर होते हैं| वर्चुअल इमेजों को बैकअप करना तथा रिस्टोर करनाभी आसान होता है| यदि आप किसी फ़िज़िकल सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम को अलग अलग हार्डवेयर्स पर रिस्टोर करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको " Blue screen of death " मिलेगी, क्योंकि किसी एक विशेष हार्डवेयर प्लॅटफॉर्म पर इनस्टॉल किए गए ओ एस को नए हार्डवेयर पर मूव नहीं किया जा सकता है| जबकि वर्चुअलाइज़्ड ऑपरेटिंग सिस्टम की इमेजों को अलग अलग हार्डवेयर्स पर कभी भी आसानी से मूव किया जा सकता है| यह उन डिज़ास्टर रिकवरी के समय बहुत ही उपयोगी हो सकता है जहाँ प्राइमरी साइट उपलब्ध न हो और हमें सेकेंडरी साइट पर रेस्टोरेशन करना हो| इस वर्चुअल ओ एस को किसी भी अलग हार्डवेयर पर रिस्टोर करें, सर्वर बूट करेंऔर आपका नया सेटअप काम करने के लिए तैयार है|
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