शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

स्लो पी सी पर यूबन्टु का प्रयोग करें -2

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स्लो पी सी पर यूबन्टु का प्रयोग करें-2

आप चाहें तो विंडोज़ और लिनक्स को एक साथ रखकर दोनो विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए हार्ड डिस्क को दो हिस्सों में बाँट सकते हैं| एक हिस्से का इस्तेमाल विंडोज़ के लिए तथा दूसरे का लिनक्स के लिए कर सकते हैं| विंडोज़ चला कर
यूबन्टु सी डी को सिस्टम में डालें| मेन्यू स्वतः ही आ जाएगा, यहाँ इनसाइड विंडोज़ इनस्टॉल करें | अब हार्ड डिस्क का चयन करें और यूबन्टु को कम से कम ५ जी बी की स्पेस दें| अप्लिकेशन स्वतः ही आपके करेंट यूज़र अकाउंट में आ जाएगी लेकिन यदि आप चाहें तो उसमें बदलाव कर सकते हैं| आपकी सेटिंग सही है इसलिए बिना बदलाव किए इनस्टॉल पर क्लिक करें| कंप्यूटर रिस्टार्ट हो और नया मेन्यू आपके सामने होगा| विंडोज़ तो डिफॉल्ट सेलेक्ट हो चुका है अब यूबन्टु सेलेक्ट करें| यदि मेन्यू नहीं आता है या इनस्टॉल प्रोसेस फेल होता है या कंप्यूटर की बोर्ड या माउस रेस्पॉन्स नही कर रहे हैं तो पावर बटन होल्ड कर सिस्टम रिस्टार्ट करें| पहले मेन्यू में यूबन्टु सेलेक्ट करें, अन्य मेसेजों को महत्व न दें| मेन्यू विंडो को रिस्टार्ट करता है तो एस्केप प्रेस करें| यूबन्टु स्क्रीन आते ही यूज़र नेम तथा पासवर्ड टाइप करें| अब आप लिनक्स का प्रयोग कर सकते हैं| यदि आप यूबन्टु का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं तो कंट्रोल पैनल पर जाएँ एड रिमूव प्रोग्राम पर क्लिक करें यूबंटु तक स्क्रोल डाउन करें, चेंज आर रिमूव बटन पर क्लिक कर अनइनस्टॉल का चयन कर दें|

यूबन्टु को नेटवर्क से जोड़ने के लिए नेटवर्क केबल का प्रयोग करें| यूबन्टु इस तरह के सिस्टम से स्वतः ही जुड़ जाएगा| यदि एक आइकॉन दो मॉनिटर्स से जुड़ता है तो दूसरा भी अपियर हो जाता है| इस आइकॉन पर क्लिक करें, नेटवर्क का चुनाव करें| आपको पासवर्ड देने के लिए कहा जा सकता है|

यूबन्टु में ताज़ा सुरक्षा व्यवस्था अप टू डेट उपलब्ध है, इसका इंडिकेटर इसमे उपलब्ध कराया जाना चाहिए| इसे इनस्टॉल करने के लिए बटन पर क्लिक करने पर स्क्रीन डिम होगी अब अगले मेसेज में पासवर्ड पूछा जाएगा| अप डेट इनस्टॉल करते समय कंप्यूटर पर काम न करें| प्रक्रिया पूरी होने का अर्थ है कि आपका सिस्टम काम के लिए तैयार है|



बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

स्लो पी सी पर यूबन्टु का प्रयोग करें

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स्लो पी सी पर यूबन्टु का प्रयोग करें

आपका कंप्यूटर बहुत स्लो काम करता है तो साधारणतः आप दोबारा विंडोज़ इनस्टॉल करना चाहते हैं लेकिन कईबार यह कोशिश व्यर्थ चली जाती है| लेकिन इसी कार्य को यूबन्टु के इन्स्टलेशन द्वारा आसानी से किया जा सकताहै|
यह लिनक्स का लोकप्रिय तथा प्रयोग में आसान संस्करण है| इसे लिनक्स की वेब साइट से डाउन लोड कियाजा सकता है| डाउनलोड करीब ७०० एम बी का है इसलिए कम समय में डाउनलोड करने के लिए ब्रॉडबॅंड का प्रयोगज़्यादा उपयोगी होगा| यदि आपके पास ब्रॉडबॅंड नहीं है तो कम कीमत पर यूबन्टु की सी डी को http://shipit.ubuntu.com वेब साइटसे प्राप्त किया जा सकता है|

पुराने कंप्यूटर में विंडोज़ को यूबन्टु से रीप्लेस करने से पहले उसकी फाइलों का बैकअप लेना सुरक्षित होगा| अब यूबन्टु सी डी के साथ कंप्यूटर को रिसटार्ट करें कंप्यूटर में कोई बदलाव नही करने के विकल्प को चुनें| परेशानी हो तो कंप्यूटर रिस्टार्ट करें और यूबन्टु मेन्यू में एफ की प्रेस करें | यूबन्टु डेस्क टॉप आएगा, यहाँ इनस्टॉल आइकॉन पर दो बार क्लिक करें| अँग्रेज़ी को लॅंग्वेज के रूप में छोड़ें और फारवर्ड पर क्लिक करें| लोकेशन के लिए अपने देश का चयन करें फारवर्ड पर क्लिक करें| सही विकल्पों का चयन करने के बाद अपना नाम एंटर करें| अब सभी आप्शन्स को रिव्यू कर इनस्टॉल पर क्लिक करें| कुछ देर बाद कंप्यूटर रिस्टार्ट करेगा, सी डी हटा कर रेबूट करें|

शनिवार, 13 फ़रवरी 2010

लिनक्स में प्रयोग होने वाली बेसिक टेक्नोलजीज़

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लिनक्स में प्रयोग होने वाली बेसिक टेक्नोलजीज़

आजकल रेड हैट द्वारा मॅनेज्ड फ़ेडोरा का नया वर्ज़न १२ आ चुका है| हमें इस नये वर्ज़न के नये फीचर्स को जानना आवश्यक है| लेकिन इससे पहले हमें इसमें प्रयोग होने वाली कुछ बेसिक टेक्नोलजीज़ के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए| ये टेक्नोलजीज़ निम्न हैं:

Nash:

यह मिनिमम साइज़ की शेल है जो initrd में फिट होती है और initrd इमेज में मौजूद init स्क्रिप्ट्स को एक्सेक्यूट करती है| टेक्निकली यह एक बिल्कुल नई स्टोरी है| Nash एक स्क्रिप्ट इंटर्प्रेटर है जिसे initrd इमेज़ेज़ में मौजूद लिनक्स की rc स्क्रिप्ट्स को इंटरप्रेट (समझने) के लिए डिज़ाइन किया गया था| इसमें कई बिल्ट इन कमांड्स होते हैं जैसे- mkrootdev, mkdevices, तथा switchroot, इसका सिंटॅक्स Bash के समतुल्य (compatible) है|जब तक Nash के विशेष बिल्ट इन कमांड्स का प्रयोग न किया जाए तब तक ये सभी इंटरचेंजबल भी हैं|

initrd:

जब भी कर्नेल आपके प्रोसेसर को ३२ बिट प्रोटेक्टेड मोड के लिए स्विच करता है, यह BIOS से सभी I/O सपोर्ट छोड़ देता है और तब इसे हार्ड डिस्क देखने के कुछ I/O कंट्रोलर ड्राइवर्स लोड करना पड़ता है| इसलिए ३२ बिट मोड में सिस्टम के जाने से पहले RAM में एक वर्चुअल डिस्क क्रियेट की जाती है जो कुछ फाइलों को होल्ड करती है| इनमे से ज़्यादातर फाइलें डिस्क ड्राइव सपोर्ट को लोड करने में प्रयोग होती हैं| और अब कर्नेल रूट फाइल सिस्टम की तरफ स्विच होता है|

Modesetting:

इसका सामान्य अर्थ होता है मॉनिटर का स्क्रीन रेज़ल्यूशन तथा कलर डेप्थ ( अर्थात मोड ) सेट करना| मोड सेट करने के दो तरीके हैं- पहला कर्नेल द्वारा तथा दूसरा यूज़र स्पेस में प्रोग्राम द्वारा| इन्हें क्रमशः KMS तथा UMS कहा जाता है|

RHGB (रेड हैट ग्राफ़िक बूट):

फ़ेडोरा के वर्ज़न ८ तक ग्राफ़िकल बूट का एक्सपीरियेन्स इसी नें दिया| इसके लिए X11 के अलग अलग इन्स्टेन्सज़ के ऊपर अलग अलग GUI प्रोग्राम्स के स्टैक का प्रयोग किया गया था| अब इसे plymouth से रीप्लेस कर दिया गया है|

mkinitrd:

यह टूल एक शेल स्क्रिप्ट है जो initrd इमेज क्रियेट करती है| इस टूल को कैसे प्रयोग किया जाए इसकी गाइड लाइन्स या मॅनेज्ड फ्रेमवर्क न होने के कारण लगभग प्रत्येक डिस्ट्रिब्यूशन इस स्क्रिप्ट का अलग ही इंप्लिमेंटेशन प्रयोग करता है|यह स्क्रिप्ट सामान्यतः एक अखंड (monolithic) initrd इमेज क्रियेट करती है| Dracut इसे रीप्लेस कर देती है और डिस्ट्रिब्यूशन से इनडिपेंडेंट मॉडयूलर आर्किटेक्चर इंट्रोड्यूस करती है|

इस प्रकार हमने कुछ बेसिक टेक्नॉलॉजीज़ की जानकारी प्राप्त की| अब हम FEDORA में प्रयोग होने वाली इन्ही टेक्नॉलॉजीज़ को अलग से समझने की विस्तृत कोशिश करेंगे जिनकी सहायता से इसे फास्ट बूट बनाया जा सका है|

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

वर्चुअलाइज़ेशन की अद्भुत दुनिया

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वर्चुअलाइज़ेशन की अद्भुत दुनिया

आज
की लेटेस्ट बहुचर्चित आई टी सेक्टर की टेक्नालजी वर्चुअलाइज़ेशन है| शायद आपने इसे सुना हो लेकिन यह तकनीक क्या है और कैसे आपको लाभ पहुँचा सकती है, आप अवश्य जानना चाहेंगे| आप शायद आश्चर्य कर रहे होंगे की क्या वाकई इसे जानना आपके लिए ज़रूरी है क्योंकि आई टी में आज की हॉट टेक्नालजी कल पुरानी भी पड़ जाती है ऐसा इसलिए कि तब तक कोई नई हॉट तकनीक चुकी होती है| फिर भी आज की तकनीक को जाने बिना नई तकनीक की अच्छाइयों और बुराइयों में अंतर नहीं कर पाएँगे|

पर्सनल कंप्यूटर की खोज के बाद से अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और सबसे हिट टेक्नालजी वर्चुअलाइज़ेशन हीहै| वर्चुअलाइज़ेशन स्वयं में ही क्रांति है क्योंकि यह सर्वर और डेस्कटॉप कंप्यूटर्स को वर्चुअलाइज़ करती है अर्थात इस प्रकार हम उस हार्डवेयर को ही रिमूव कर सकेंगे जिस पर कोई ऑपरेटिंग सिस्टम रन करता है|

माना कि हमारे ऑर्गनाइज़ेशन में एक सर्वर रूम है जिसमें करीब पाँच सर्वर सकते हैं जिन पर शायद आप ईमेल सर्वर, फाइल एवं प्रिंट सर्वर, डोमेन कंट्रोलर, ऐंटी वायरस सर्वर, तथा प्रॉक्सी सर्वर चला रहे होंगे| इन सभी सर्वर्स का अपना स्वयं का हार्डवेयर होगा और ये सभी पावर की अच्छी ख़ासी खपत कर रहे होंगे| इनसे काफ़ी गर्मी भी पैदा हो रही होगी जिसे कम करने के लिए आप चौबीसों घंटे एक डेडिकेटेड एयर कंडीशनर भी प्रयोग कर रहे होंगे| पाँच सर्वर्स की बिज़ली की खपत करीब २००० रुपये प्रति माह तथा सी पर ३००० रुपये प्रति माह अर्थात एकवर्ष में करीब ६०००० रुपयों का खर्च होगा|

अब सोचें कि आप एक ही फिज़िकल सर्वर पर सभी पाँच सर्वर्स को उनके अपने अपने वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर चला रहे हैं| ऐसे में आपको पाँच की जगह केवल एक ही सर्वर हार्डवेयर खरीदना होगा और चाहें तो एक छोटा सी भी ले लें| इससे शुरुआती वन टाइम खर्च केवल एक चौथाई रह जाएगा साथ ही बिज़ली का रनिंग खर्च भी एकचौथाई ही रह जाएगा या इससे भी कम|

वर्चुअल सर्वर्स का बैकअप लेना, अलग अलग फ़िज़िकल सर्वर्स के बैकअप लेने की अपेक्षा, आसान ही होता है क्योंकि सभी आपेरेटिंग सिस्टम्स एक ही सर्वर पर होते हैं| वर्चुअल इमेजों को बैकअप करना तथा रिस्टोर करनाभी आसान होता है| यदि आप किसी फ़िज़िकल सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम को अलग अलग हार्डवेयर्स पर रिस्टोर करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको " Blue screen of death " मिलेगी, क्योंकि किसी एक विशेष हार्डवेयर प्लॅटफॉर्म पर इनस्टॉल किए गए एस को नए हार्डवेयर पर मूव नहीं किया जा सकता है| जबकि वर्चुअलाइज़्ड ऑपरेटिंग सिस्टम की इमेजों को अलग अलग हार्डवेयर्स पर कभी भी आसानी से मूव किया जा सकता है| यह उन डिज़ास्टर रिकवरी के समय बहुत ही उपयोगी हो सकता है जहाँ प्राइमरी साइट उपलब्ध हो और हमें सेकेंडरी साइट पर रेस्टोरेशन करना हो| इस वर्चुअल एस को किसी भी अलग हार्डवेयर पर रिस्टोर करें, सर्वर बूट करेंऔर आपका नया सेटअप काम करने के लिए तैयार है|

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010

लिनक्स में करियर


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लिनक्स में करियर

अपने लिनक्स ज्ञान का प्रयोग कर पैसा बनाना चाहते हैं?
लिनक्स दृश्य में लोगों ने ज्ञान की प्रगति के लिए hobbyists और उत्साही newbies के रूप में कार्य शुरू किया और अब अच्छी खबर यह है कि दुनिया इन जैसे लोगों की तलाश कर रही है |

लिनक्स की लोकप्रियता प्रतिदिन के साथ बढ़ रही है| सर्वर व उद्यम के क्षेत्र में आप Linux के अपने ज्ञान के साथ एक अच्छी लाइफ व्यतीत सकते हैं। एंटरप्राइज़ में पहले से ही पॉपुलर होने और डेस्कटॉप में पॉप्युलॅरिटी में व्रद्धि होने के नाते आज कई पद तथा कई नौकरियाँ उपलब्ध हैं| यहाँ पर हम इनमे से कुछ पर नज़र डालेंगे-

तकनीशियन: इनका कार्य लिनक्स डेस्कटॉप तथा वर्क स्टेशन्स को मॅनेज करना होता है| तकनीशियन की तरह आपको इन्स्टलेशन, पारटिशनिंग, यूज़र मॅनेज्मेंट, सर्विसेज़, बेसिक स्क्रिप्टिंग, नेटवर्क ट्रब्ल्शूटिंग, तथा ऑपरेटिंग सिस्टम प्रॉब्लम्स को हेंडल करना आना चाहिए| लिनक्स तकनीशियन की तरह कार्य करने वालों के लिए रेड हैट ने एक विशेष सर्टिफिकेशन बनाया है- रेड हैट सरटिफाईड टेक्नीशियन (RHCT)| तकनीशियन की तरह आप लिनक्स प्रयोग करने वाली कंपनियों मे, डाटासेंटर्स मे, कालेजों, स्कूलों, स्टोर्स तथा कई अन्य जगहों पर जॉब प्राप्त कर सकतें हैं| कुछ वर्षों तक तकनीशियन की तरह एक्सपीरियेन्स लेने के बाद आप उसी या अन्य कंपनी में सिस्टम अड्मिनिस्ट्रेटर बन सकते हैं|

सिस्टम अड्मिनिस्ट्रेटर: यह पोज़िशन उन लोगों को मिलती है जो तकनीशियन और उससे ऊपर के कार्य जानते हैं| सिसएडमिन की तरह आपसे सर्वर व सिस्टम्स को सेक्योर करने, पॅकेज मॅनेज्मेंट, फायरवाल मॅनेज्मेंट, मुख्य सर्विसों जैसे एफ टी पी, डी एन एस, एच टी टी पी आदि को मॅनेज करने, बैकअप लेने, क्रान जॉब्स व दूसरे अड्मिनिस्ट्रेटिव जॉब्स को करने की अपेक्षा रखी जाती है| ज़्यादातर लिनक्स सिसएडमिन सर्वर ओरियेनटेड डिस्ट्रिब्यूशन, जैसे- रेड हैट एंटरप्राइज़ लिनक्स, डेबियन, यूबन्टु तथा सेंटोस, पर कार्य करते हैं| इसलिए यदि आप सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन सीखने की सोच रहे हैं तो इनमे से किसी एक को चुन लें|

अप्लिकेशन एंड वेब प्रोग्रामर: जैसे जैसे लिनक्स कार्पोरेट क्षेत्रों में अग्रसर हो रहा है वैसे वैसे उन डेवेलपर्स की आवश्यकता भी बढ़ रही है जो लिनक्स में तथा लिनक्स के लिए कोड लिख सकते हैं| डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू कंटेंट पब्लिशिंग बिज़नेस के बड़े पार्ट के फ्री सॉफ़्टवेयर स्टैक (
LAMP - Linux, Apache, MySQL, PHP) पर रन होने के साथ ऐसे प्रोग्रामर्स की डिमांड भी बढ़ रही है जो मल्टिपल लॅंग्वेज में कोड कर सकें, प्लगइन्स, एडआन्स लिख सकें, डाटा बेस व अप्लिकेशन्स डिज़ाइन कर सकें, विभिन्न लॅंग्वेज में स्क्रिप्ट्स लिख सकें तथा सर्विसों को मॅनेज कर सकें|

डेस्कटॉप के क्षेत्र में लिनक्स के बढ़ने के साथ कई कंपनिया तथा सॉफ़्टवेयर ग्रुप्स लिनक्स डेस्कटॉप्स को अपनी अप्लिकेशन्स तथा गेम्स के द्वारा टारगेट करेंगे|ये गेम्स तथा अप्लिकेशन्स या तो लो लेवेल लॅंग्वेज जैसे असेम्बलर,सी, सी++ में लिखे जाते हैं और या फिर हाई लेवेल टूल किट जैसे क्यू टी और जी टी के++ आदि में लिखे जाते हैं|

सपोर्ट: आजकल कंपनियाँ ऐसे लोगों को ढूँढ रही हैं जो या तो लिनक्स में प्रॉफीशियेंट हों या दूसरों को, उनकी लिनक्स की ज़रूरतों में, सहायता कर सकें| कॉर्पोरेट सेक्टर्स में लिनक्स की ग्रोथ के साथ बहुत सी कंपनियाँ लाइसेनसिंग कॉस्ट को बचाने के लिए अपने डेस्कटॉप्स को लिनक्स पर माइग्रेट कर रही हैं| एक सपोर्ट टेक्नीशियन की तरह आपका जॉब इन कंपनियों के लोगों को सपोर्ट करना होगा जिससे ये लोग बिना किसी परेशानी के बदले हुए वातावरण में अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें|

टीचिंग एंड राइटिंग: एक अन्य कार्य उपर्युक्त लोगों को
पढ़ाने का भी है जिससे वे उस जगह पहुँच सकें जहाँ वेजाना चाहते हैं| एक टीचर की तरह, और संगत अनुभव / या सर्टिफिकेशन्स के साथ आप किसी यूनिवर्सिटी, स्कूल, कॉलेज, या इन्स्टिट्यूट में जॉब पा सकते हैं जहाँ लिनक्स पढ़ाई जाती हो| एक लेखक की तरह आप एक ऐसी जॉब भी प्राप्त कर सकते हैं जहाँ आप डॉक्युमेंटेशन लिख सकते हैं, या मैगज़ीन्स, न्यूज़ पेपर्स या बड़ी कंपनियों के लिए आर्टिकल्स लिख सकते हैं|

अंत में: और भी कई अन्य क्षेत्र हैं जहाँ आज लिनक्स एक अंतर बना रहा है| लिनक्स की तरफ के उत्साह से भविष्य में इसका मार्केट शेयर बढ़ने ही वाला है| एक उचित ज्ञान, द्रष्टिकोण(attitude), संबंधों संयोग के द्वारा आप लिनक्स प्रोफेशनल की तरह आसानी से काफ़ी पैसा पैदा कर सकते हैं| यदि आपके पास पहले से ही इस क्षेत्रमें नौकरी है तो अतिरिक्त ज्ञान और सर्टिफिकेशन्स आपको आपके करियर में उन ऊँचाइयों को दे सकते हैं जिनकी अभी आवश्यकता है|